Crop Care, Fertilizer guide

मूंग की फसल के लिए उर्वरक सिफारिशें

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by Argiart.in

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मूंग की फसल में कौन सा खाद देना चाहिए?

मूंग की अच्छी पैदावार के लिए क्या करें?

मूंग की फसल में कौन सा स्प्रे करें?

मूंग की फलियों के लिए कौन सा उर्वरक सबसे अच्छा है?

मूंग का बीज उपचार :-

  • बीज उपचार 1 ग्राम कार्बाडजिम और 2 ग्राम थाईरम या 3 ग्राम थाईरम / कि.ग्रा. बीज की दर से करें।

बीज शोधन :-

  • 5 ग्राम / कि.ग्रा. बीज की दर से राइज़ोबियम कल्चर के द्वारा बीज का शोधन करें।
  • शोधन के बाद छाया में रखें एवं तुरन्त बुआई करें।

बीज दर और बोनी :-

  • बीज दर खरीफ में 15 से 20 कि.ग्रा. बीज / हे लें।
  • ग्रीष्म मूंग में 25 से 30 कि.ग्रा.बीज प्रति हे. की दर से लें।
  • खरीफ मौसम में बुआई जून के आखिरी सप्ताह से जुलाई के दूसरे सप्ताह तक करें।
  • खरीफ मौसम में कतार से कतार की दूरी 30 से.मी. एवं पौधे से पौधे की दूरी 4 से 5 से.मी. रखें।
  • जायद मौसम में बोनी फरवरी के दूसरे सप्ताह से मार्च के तीसरे सप्ताह में करें।
  • जायद मौसम में कतार से कतार की दूरी 20 से 25 से.मी. रखें।

मूंग में खाद और उर्वरक :-

खाद एवं उर्वरकों के प्रयोग से पहले मिटटी की जाँच कर लेनी चहियेl फिर भी कम से कम 5 से 10 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद देनी। मूंग के लिए 20 किलो ग्राम नाइट्रोजन तथा 40 किलो ग्राम फास्फोरस 20 किलो ग्राम पोटाश 25 किलो ग्राम गंधक एवम् 5 किलो ग्राम जिंक प्रति हैक्टेयर की आवश्कता होती है

मूंग की खेती में कौन सा जैविक खाद डालें

मूंग की खेती हेतू खेत में दो तीन वर्षों में कम से कम एक बार 5 से 10 टन गोबर या कम्पोस्ट खाद देनी चाहिये । इसके अतिरिक्त 600 ग्राम रोइजोबियम कल्चर को एक लीटर पानी में 250 ग्राम गुड़ के साथ गर्म कर ठंडा होने पर बीज को उपचारित कर छाया में सुखा लेना चाहिये तथा बुवाई कर देनी चाहिये ।

मूंग की फसल कितने दिन में तैयार होती है

आम तौर पर मूंग की फसल 65 से 70 दिनों में पक जाती है। जून-जुलाई में बोई गई फसल सितंबर-अक्टूबर के पहले सप्ताह तक कट जाती है। फलियां पकने के बाद हल्के भूरे रंग की होती हैं।

ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती

ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिये रबी फसलों के कटने के तुरन्त बाद खेत की तुरन्त जुताई कर 4-5 दिन छोड कर पलेवा करना चाहिए। पलेवा के बाद 2-3 जुताइयाँ देशी हल या कल्टीवेटर से कर पाटा लगाकर खेत को समतल एवं भुरभुरा बनावे। इससे उसमें नमी संरक्षित हो जाती है व बीजों से अच्छा अंकुरण मिलता हैं।

मूंग की फसल में खरपतवार नाशक दवा

खरपतवार नाशक दवाओं के छिडकाव के लिये हमेशा फ्लैट फेन नोजल का ही उपयोग करें। पेन्डिमिथिलीन 700 मिली बुवाई के 0-3 दिन के अंदर एवं इमेजेथापायर 100 मिली बुवाई के 20 दिन बाद छिड़काव करें। किसी भी दवाई का छिड़काव करने से पहले एग्रीआर्ट का मार्ग दर्शन जरूर लें।

मूंग की फसल कब बोई जाती है

बुआई का समय –

खरीफ मूंग की बुआई का उपयुक्त समय जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई का प्रथम सप्ताह है एवं ग्रीष्मकालीन फसल को 15 मार्च तक बोनी कर देना चाहिये। बोनी में विलम्ब होने पर फूल आते समय तापक्रम वृद्धि के कारण फलियाँ कम बनती हैं अथवा बनती ही नहीं है इससे इसकी उपज प्रभावित होती है।

मूंग की खेती से कमाई

मूंग की फसल का उत्पादन एवं कमाई

मूंग की एक एकड़ खेत से 7 से 8 क्विंटल उपज प्राप्त हो जाती है। एक हेक्टयर क्षेत्र में मूंग की खेती करने के लिए 18 से 20 हजार रुपये तक का खर्च आ जाता है। मूंग का भाव बाजार में 80 से 120 रुपये प्रति किलो तक का होता हैं। जिससे किसान आसानी से हजारों रुपये का लाभ कमा सकते हैं।

जायद में मूंग की खेती

बुवाई एवं बीज दर:– जायद मूंग की बुवाई फरवरी अंत से मध्य मार्च तक की जा सकती है। इसकी बीज दर 15-20 किलो/हेक्टेयर रखें, मूंग की खेती हेतु कतार से कतार की दूरी 30 सेमी एवं पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी रखी जाना उपयुक्त है

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